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भविष्य मालिका हिंदी

2032 से सत्ययुग
की शुरुआत

जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
Bhavishya Malika Hindi

जगन्नाथ संस्कृति के परम् विद्वान
परम् पूज्य पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी

Author of Bhavishya Malika - Pandit Shree Kashinath Mishra Ji


आज सारा विश्व देख रहा है धरती एक बड़े परिवर्तन की ओर जा रही है । परिवर्तन ऐसा है जिसमें मानव सभ्यता के लिए बहुत सारी आपदाएं और मुसीबतें आ रही हैं । इस परिवर्तन का कारण युग परिवर्तन हो चुका है।

अब सत्ययुग आने वाला है । युग संधि के समय पर ऐसा होता है । जिस कारण से आज धरती पर ऐसा समय आ रहा है । इस समय पर मानव लोगों के उद्धार के लिए उड़ीसा की अति पावन जगन्नाथ संस्कृति की परंपरा में एक अक्षय ग्रंथ की रचना हुई।

सारे विश्व में जितने भी धर्म हैं , जितने भी पंथ हैं कहीं पर भी कोई ऐसा ग्रंथ नहीं है जिसमें मानव सभ्यता के उद्धार धरती पर मानव सभ्यता की सुरक्षा के लिए कोई‌ रचना की गई हो।

इस पवित्र ग्रंथ में मानव सभ्यता की सुरक्षा तथा उद्धार और भगवान कल्कि को प्राप्त करने के लिए जो सनातन धर्म का परम तत्व है उसकी रचना की गई है।

Author of Bhavishya Malika - Pandit Shree Kashinath Mishra Ji

भविष्य मालिका ग्रंथ सनातन धर्म का आखिर और अंतिम शास्त्र है जिसकी रचना उड़ीसा की अति पावन भूमि में भगवान के नित्य पंचसखा द्वारा की गई । इसकी हिंदी, अंग्रेज़ी तथा भारत और विश्व की कई भाषाओं में रचना उड़ीसा के विद्वान परम पूज्य पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी के द्वारा की गई ।

अगर मानव सभ्यता अपना उद्धार चाहती है और आगे बढ़ना चाहती है तो भविष्य मालिका ग्रंथ को जरूर पढ़ें और इस ग्रंथ का परम तत्व मानव सभ्यता के कल्याण के लिए बांटें।

जिससे मानव सभ्यता एक सुंदर, पवित्र, शुद्ध, शक्तिशाली, सनातन मानव सभ्यता बन पाए । और मानव सभ्यता का आने वाली आपदाओं से उद्धार हो पाए।

यही भविष्य मालिका ग्रंथ का सबसे बड़ा परम तत्व है और इस तत्व को मानव सभ्यता को अनुसरण करना चाहिए। समय और अधिक नहीं है इसी समय पर यह परम तत्व का अनुसरण करना बहुत जरूरी है।

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Short Questions/Answers

संक्षिप्त में मुख्य प्रश्नोत्तर

भविष्य मालिका क्या है?

भविष्य मालिका एक ग्रंथ है, जो लगभग 600 वर्ष पहले लिखा गया था। यह सत्य युग में परिवर्तन और उस समय होने वाली सभी घटनाओं की भविष्यवाणी करता है, जैसे तीसरा विश्व युद्ध, 64 प्रकार की महामारियाँ, भीषण आग, सौर तूफान, सात दिनों का अंधकार, कलियुग के अंत के संकेत (जगन्नाथ मंदिर से), कल्कि अवतार, आर्थिक मंदी और प्राकृतिक आपदाएँ। अधिक जानकारी के लिए, वेबसाइट पर उपलब्ध लेख पढ़ें।

भविष्य मालिका किसने लिखी और कब लिखी?

भविष्य मालिका को पंचसखाओं पाँच संतों ने लगभग 600 वर्ष पहले ओडिशा की पवित्र भूमि में भगवान जगन्नाथ की दिव्य प्रेरणा से लिखा था। उन्होंने कलियुग के अंत और सत्य युग में परिवर्तन की भविष्यवाणी की थी।

क्या कलियुग का अंत हो चुका है, या कब होगा कलियुग का अंत?

विभिन्न शास्त्रों के अनुसार, मनुष्यों के बहुत पाप करने के कारण 5,000 वर्षों के बाद कलियुग का अंत हो चुका है। वर्तमान समय एक परिवर्तन का समय है, जो सत्य युग में बदलाव की प्रक्रिया में है, और सत्य युग 2032 से प्रारंभ होगा।

कलियुग की अवधि 4,32,000 वर्ष बताई गई है, तो यह 5,000 वर्षों में कैसे अंत हो गया?

शास्त्रों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक पाप करता है, तो उसकी आयु घट जाती है। उसी प्रकार, मनुष्यों के असंख्य पापों के कारण कलियुग की अवधि 4,32,000 वर्षों से घटकर केवल 5,000 वर्ष रह गई और उसका अंत हो चुका है।

यदि भगवान कल्कि आ चुके हैं, तो उनके दर्शन और अनुभव कैसे करें?

सबसे पहले हमें मांसाहार, शराब और अन्य नशों जैसी बुरी आदतें छोड़नी होंगी और गलत कर्मों से बचना होगा। उसके बाद, सनातन धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और भविष्य मालिका में बताए गए मार्ग का पालन करना आवश्यक है।

यदि बहुत विनाश होने वाला है, तो क्या हमें अपना कर्म करना छोड़ देना चाहिए?

यदि विनाश निश्चित है, फिर भी हमें अपना कर्म करना नहीं छोड़ना चाहिए। भागवत में लिखा है कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और अपने सभी कर्म भगवान के चरणों में समर्पित करना चाहिए। सर्वोत्तम यही है कि हम उनके नाम का स्मरण करते हुए अपने सभी कर्म करते रहें और उन्हें भगवान के चरणों में अर्पित करें।

आने वाले विनाश से बचने का मार्ग क्या है?

आने वाले कठिन समय से बचने के लिए त्रिसंध्या मार्ग अपनाएं—दिए गए मंत्रों (त्रिकाल संध्या मंत्र) के साथ दिन में तीन बार भगवान की उपासना करें। साथ ही, श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ करें और नियमित रूप से "माधव" नाम का जप करें। ये साधना भक्ति को मजबूत करती है और हमारी रक्षा करती है। 

सभी विवरण यहाँ से डाउनलोड करें - त्रिकाल संध्या

भविष्य मालिका PDF डाउनलोड कहाँ से करें हिंदी, अंग्रेजी या अन्य भाषाओं में?

भविष्य मालिका पुराण से पृष्ठ हिंदी, अंग्रेजी, रूसी, जर्मन, जापानी, गुजराती, कन्नड़, बंगाली, तेलुगु और पंजाबी में भविष्य मालिका PDF डाउनलोड कर सकते हैं। आप यहाँ से प्रिंटेड कॉपी खरीदने के लिंक भी पा सकते हैं, और ऑडियोबुक भी कई भाषाओं में मुफ्त उपलब्ध है। 

डाउनलोड करें: भविष्य मालिका PDF

भविष्य मालिका की 2025 की भविष्यवाणियाँ क्या हैं?

वर्ष 2025 विश्व के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होने वाला है। 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में प्रवेश करेगा, जिसे एक महत्वपूर्ण घटना माना गया है और यह दुनिया में कई बड़े परिवर्तन लाएगा।

अधिक जानें: भविष्य मालिका 2025 की भविष्यवाणियाँ

सत्य युग कैसा होगा?

सत्य युग में केवल वे ही रहेंगे जो धर्म का पालन करेंगे, और सभी भक्त होंगे। स्वयं भगवान युग पर राज करेंगे, और किसी भी चीज़ की कमी नहीं होगी। सभी लोग शांति और आनंद से जीवन व्यतीत करेंगे। पृथ्वी पूरी तरह संतुलित होगी, जहाँ प्राकृतिक आपदाएँ, कठोर मौसम या किसी प्रकार का कष्ट नहीं होगा। हमेशा वसंत ऋतु बनी रहेगी, और जो 64 करोड़ लोग धर्म के सही मार्ग पर चलेंगे, वे सत्य युग में जाएँगे।

भविष्य मालिका पुराण 2023 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है, जिसे पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने लिखा है। यह पुस्तक मुख्य भविष्य मालिका ग्रंथ का हिंदी अनुवाद है।

Bhavishya Malika Puran
Bhavishya Malika Puran

भविष्य मालिका पुराण 2023 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है, जिसे पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने लिखा है। यह पुस्तक मुख्य भविष्य मालिका ग्रंथ का हिंदी अनुवाद है।

- हिन्दी, अंग्रेजी सहित अन्य 13 भाषाओं में भी उपलब्ध

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Bhavishya Malika Puran

पंच सखाओं ने स्वयं भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर कलियुग के अंत और सत्ययुग की शुरुआत के विषय में लाखों ग्रंथों के समूह की रचना की और इन्हें भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर अति गुप्त रखा गया ताकि लोगों को समय से पहले इसका ज्ञान होने पर संसार में अव्यवस्थता ना फैल जाए। इस अति गुप्त ग्रंथ भविष्य मालिका पुराण में कलियुग के अंत और भगवान कल्कि के प्राकट्य के विषय में रहस्यमय जानकारी दी गई है तथा सत्ययुग की शुरुआत कैसे होगी इस विषय में भी विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है

भविष्य मालिका पुराण ग्रन्थ में मुख्य रूप से भगवान श्री कल्कि जी के धरा अवतरण, भक्तों का एकत्रीकरण, सुधर्मा महा-महा संघ और 16 मंडल का गठन, खंड प्रलय, अग्नि प्रलय, जल प्रलय, भूकंप, रोग महामारी एवं तृतीय विश्व युद्ध से लेकर अनंत युग / आद्य सतयुग के आगमन तक का संपूर्ण वर्णन किया गया है। भविष्य मालिका पुराण के अनुसार सन् 2032 से पूर्व संपूर्ण विश्व में सभी धर्मों और पंथों का पुनर्गठन होकर सारे विश्व में केवल सत्य सनातन धर्म प्रतिष्ठित होगा और 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी। ।

त्रिसंध्या / त्रिकाल संध्या / त्रिसंध्या धारा

मनुष्य से देवता बनाने वाली महा औषधी

सनातन संस्कृति के अनुसार तीन संध्या काल पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति तथा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भगवान महाविष्णु की स्तुति तथा उनको धन्यवाद किया जाता है। सतयुग, त्रेतायुग व द्वापरयुग में त्रिकाल संध्या प्रत्येक व्यक्ति के दिनचर्या का एक अभिन्न अंग था। कलियुग के घोर प्रभाव के कारण सनातन संस्कृति का विलोप होता चला गया तथा मनुष्य के दैनिक कर्म और त्रिसंध्या धारा का लोप हो गया। पुनः महापुरुष अच्युतानंद दास जी ने भविष्य मालिका में कली कलमष से उद्धार तथा सत्ययुग में जाने के लिए त्रिसंध्या धारा को बहुत महत्वपूर्ण तथा सभी मानव के कल्याण लिए जरूरी बताया है।

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चार मुख्य वाणियों का पालन करें

  1. - बात मानना सीखिए

  2. 2 - प्रतीक्षा करना सीखिए

  3. 3 - प्रेम करना सीखिए

  4. 4 - इन्दिर्यों से उपवास करना सीखिए

समय

  •   प्रातः - 3:35 AM से 6:30 AM

  •   दोपहर - 11:30 AM से 12:30 PM

  •   सायं - 5:30 PM से 6:30 PM

त्रिसंध्या PDF डाउनलोड करें

नोट - अन्य भाषाओँ व जानकारी के लिए Know More पर क्लिक करें

सम्पूर्ण त्रिसंध्या धारा

  • प्रतिदिन दिए गए तीनों संध्या काल पर त्रिसंध्या पाठ
  • नित्य प्रति श्रीमद्भागवत महापुराण 1 अध्याय पठन
  • निरंतर 'माधव' नाम जप

FAQs

Questions about Bhavishya Malika

Read out Common Questions related to Bhavishya Malika.
1

भविष्य मालिका क्या है? यह किसने लिखी तथा क्यों लिखी गयी?

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2

भविष्य मालिका अति गुप्त ग्रंथ क्यों है?

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3

क्या भविष्य मालिका का उद्देश्य लोगों के मन में भय पैदा करना है?

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4

जब भविष्य पुराण था तो भविष्य मालिका की आवश्यकता क्यों पड़ी?

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5

नाम जाप में, सिर्फ़ माधव नाम जपना ही आवश्यक है या कोई और भगवद नाम जप सकते हैं?

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6

भगवान कल्कि आ गए हैं तो गुप्त में क्यों है?

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7

त्रिकाल संध्या /त्रिसंध्या क्या है? तथा त्रिकाल संध्या क्यों करना चाहिए?

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8

त्रिकाल संध्या किन-किन मंत्रों से की जाती है?

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9

गायत्री मंत्र क्या है तथा इसका त्रिसंध्या में क्या महत्व है?

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10

विष्णु षोडशनाम स्तोत्र क्या है? तथा इसका भजन क्यों करना चाहिए?

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11

दशावतार स्तोत्र क्या है ?

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12

दुर्गा माधव स्तुति क्या है?

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13

त्रिसंध्या में माधव नाम भजन की महत्वता क्या है?

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14

कलियुग अंत के संकेत के विषय में जगन्नाथ संस्कृति एवं भविष्य मलिक में क्या वर्णन है? तथा जगन्नाथ मंदिर पुरी से युग अंत के क्या संकेत दिखाई देते हैं?

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15

कलियुग की अवस्था के बारे में श्रीमद् भागवत महापुराण में क्या जानकारी दी गई है?

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16

श्रीमद् भागवत महापुराण के अनुसार कलियुग का अंत तथा सत्ययुग की शुरुआत कब होगी?

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17

कलियुग अंत के विषय में गर्ग संहिता में क्या लिखा है?

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18

ब्रह्म वैवर्त पुराण में कलयुग अंत के विषय में क्या कहा गया है?

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19

कलियुग के अंत के लक्षणों के विषय में विभिन्न सनातन धर्मग्रंथों में क्या वर्णन किया गया है ?

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20

दारूण (घोर) कलियुग क्या है?

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21

सत्ययुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग का अंत क्यों होता है?

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वायु पुराण में चारों युगों की आयु कितनी बताई गई है?

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क्या भगवान सच में होते हैं ?

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समय क्या है?

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25

भगवान की सत्ता क्या है? मनु, मनुपुत्र, सप्तर्षि , देवता आदि अपने-अपने मन्वन्तरमें किसके द्वारा नियुक्त होकर कौन-कौन-सा काम किस प्रकार करते हैं?

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सूर्य सिद्धांत, महाभारत तथा मनुस्मृति में दिव्य वर्ष, सौर वर्ष अथवा मनुष्य वर्ष के विषय में क्या लिखा है?

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युग गणना के विषय में अथर्ववेद में क्या कहा गया है?

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सनातन धर्म क्या है? सनातन धर्म कितना पुराना है? सनातन धर्म किसने बनाया?

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वेद क्या हैं और इनकी रचना क्यों हुई?

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पुराण क्या हैं और इनकी रचना क्यों हुई?

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भागवत महापुराण, महापुराण क्यों है? तथा इसकी रचना क्यों की गयी?

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श्रीमद् भागवत महापुराण पठन करना क्यों आवश्यक है? क्या रामचरितमानस, रामायण, भगवत गीता, शिव पुराण या अन्य धर्म ग्रंथों को पढ़ने से उद्धार नहीं होगा?

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वर्ण व्यवस्था क्यों बनाई गई? क्या जन्म से ही मनुष्य का वर्ण (जाति) निर्धारित हो जाती है? क्या सनातन धर्म में जातिय भेद भाव का वर्णन है?

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मुक्ति क्या है, मुक्ति के बाद जीव का क्या होता है?

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मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ धर्म तथा सर्वश्रेष्ठ कर्म क्या है?

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श्री भगवान को कौन नहीं जान सकता है?

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क्या भविष्य पहले से ही निर्धारित होता है? क्या रामायण महाभारत पहले से ही लिखा होता है?

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क्या सभी जीवों का भविष्य पहले से लिख दिया जाता है?

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