Bhavishya Malika
जगन्नाथ संस्कृति के परम् विद्वान
परम् पूज्य पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी
आज सारा विश्व देख रहा है धरती एक बड़े परिवर्तन की ओर जा रही है । परिवर्तन ऐसा है जिसमें मानव सभ्यता के लिए बहुत सारी आपदाएं और मुसीबतें आ रही हैं । इस परिवर्तन का कारण युग परिवर्तन हो चुका है।
अब
सत्ययुग आने वाला है । युग संधि के समय पर ऐसा होता है । जिस कारण से आज धरती पर ऐसा समय आ रहा है । इस समय पर मानव लोगों के उद्धार के लिए उड़ीसा की अति पावन जगन्नाथ संस्कृति की परंपरा में एक अक्षय ग्रंथ की रचना हुई।
सारे विश्व में जितने भी धर्म हैं , जितने भी पंथ हैं कहीं पर भी कोई ऐसा ग्रंथ नहीं है जिसमें मानव सभ्यता के उद्धार धरती पर मानव सभ्यता की सुरक्षा के लिए कोई रचना की गई हो।
इस पवित्र ग्रंथ में मानव सभ्यता की सुरक्षा तथा उद्धार और भगवान कल्कि को प्राप्त करने के लिए जो सनातन धर्म का परम तत्व है उसकी रचना की गई है।
भविष्य मालिका ग्रंथ
सनातन धर्म का आखिर और अंतिम शास्त्र है जिसकी रचना उड़ीसा की अति पावन भूमि में भगवान के नित्य पंचसखा द्वारा की गई । इसकी हिंदी, अंग्रेज़ी तथा भारत और विश्व की कई भाषाओं में रचना उड़ीसा के विद्वान परम पूज्य पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी के द्वारा की गई ।
अगर मानव सभ्यता अपना उद्धार चाहती है और आगे बढ़ना चाहती है तो
भविष्य मालिका ग्रंथ
को जरूर पढ़ें और इस ग्रंथ का परम तत्व मानव सभ्यता के कल्याण के लिए बांटें।
जिससे मानव सभ्यता एक सुंदर, पवित्र, शुद्ध, शक्तिशाली, सनातन मानव सभ्यता बन पाए । और मानव सभ्यता का आने वाली आपदाओं से उद्धार हो पाए।
यही
भविष्य मालिका ग्रंथ
का सबसे बड़ा परम तत्व है और इस तत्व को मानव सभ्यता को अनुसरण करना चाहिए। समय और अधिक नहीं है इसी समय पर यह परम तत्व का अनुसरण करना बहुत जरूरी है।
भविष्य मालिका पुराण 2023 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है, जिसे पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने लिखा है। यह पुस्तक मुख्य भविष्य मालिका ग्रंथ का हिंदी अनुवाद है।
- हिन्दी, अंग्रेजी सहित अन्य 13 भाषाओं में भी उपलब्ध
Available on Amazon, Flipkart, Google Play Books (Free)
पंच सखाओं ने स्वयं भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर
कलियुग के अंत
और सत्ययुग की शुरुआत के विषय में लाखों ग्रंथों के समूह की रचना की और इन्हें भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर अति गुप्त रखा गया ताकि लोगों को समय से पहले इसका ज्ञान होने पर संसार में अव्यवस्थता ना फैल जाए। इस अति गुप्त ग्रंथ
भविष्य मालिका पुराण
में कलियुग के अंत और भगवान कल्कि के प्राकट्य के विषय में रहस्यमय जानकारी दी गई है तथा सत्ययुग की शुरुआत कैसे होगी इस विषय में भी विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है
भविष्य मालिका पुराण ग्रन्थ
में मुख्य रूप से भगवान श्री कल्कि जी के धरा अवतरण, भक्तों का एकत्रीकरण, सुधर्मा महा-महा संघ और 16 मंडल का गठन, खंड प्रलय, अग्नि प्रलय, जल प्रलय, भूकंप, रोग महामारी एवं तृतीय विश्व युद्ध से लेकर अनंत युग / आद्य सतयुग के आगमन तक का संपूर्ण वर्णन किया गया है।
भविष्य मालिका पुराण
के अनुसार सन् 2032 से पूर्व संपूर्ण विश्व में सभी धर्मों और पंथों का पुनर्गठन होकर सारे विश्व में केवल सत्य सनातन धर्म प्रतिष्ठित होगा और 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी। ।
त्रिसंध्या / त्रिकाल संध्या / त्रिसंध्या धारा
मनुष्य से देवता बनाने वाली महा औषधी
सनातन संस्कृति के अनुसार तीन संध्या काल पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति तथा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भगवान महाविष्णु की स्तुति तथा उनको धन्यवाद किया जाता है। सतयुग, त्रेतायुग व द्वापरयुग में त्रिकाल संध्या प्रत्येक व्यक्ति के दिनचर्या का एक अभिन्न अंग था। कलियुग के घोर प्रभाव के कारण सनातन संस्कृति का विलोप होता चला गया तथा मनुष्य के दैनिक कर्म और त्रिसंध्या धारा का लोप हो गया। पुनः महापुरुष अच्युतानंद दास जी ने भविष्य मालिका में कली कलमष से उद्धार तथा सत्ययुग में जाने के लिए त्रिसंध्या धारा को बहुत महत्वपूर्ण तथा सभी मानव के कल्याण लिए जरूरी बताया है।
Know Moreचार मुख्य वाणियों का पालन करें
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1 - बात मानना सीखिए
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2 - प्रतीक्षा करना सीखिए
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3 - प्रेम करना सीखिए
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4 - इन्दिर्यों से उपवास करना सीखिए
समय
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प्रातः - 3:35 AM से 6:30 AM
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दोपहर - 11:30 AM से 12:30 PM
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सायं - 5:30 PM से 6:30 PM
त्रिसंध्या PDF डाउनलोड करें
नोट - अन्य भाषाओँ व जानकारी के लिए Know More पर क्लिक करें
सम्पूर्ण त्रिसंध्या धारा
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प्रतिदिन दिए गए तीनों संध्या काल पर त्रिसंध्या पाठ
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नित्य प्रति श्रीमद्भागवत महापुराण 1 अध्याय पठन
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निरंतर 'माधव' नाम जप
FAQs
Questions about Bhavishya Malika
Read out Common Questions related to Bhavishya Malika.
क्या भगवान सच में होते हैं ?
यदि मैं सातों समुद्रों के जल की स्याही बना लूँ तथा समस्त वन समूहों की लेखनी कर लूँ, तथा सारी पृथ्वी ...
समय क्या है?
शास्त्रों में काल की गणना निम्न प्रकार से की गई है :- ...
भगवान की सत्ता क्या है? मनु, मनुपुत्र, सप्तर्षि , देवता आदि अपने-अपने मन्वन्तरमें किसके द्वारा नियुक्त होकर कौन-कौन-सा काम किस प्रकार करते हैं?
श्रीमद् भागवत महापुराण (8.14.2) श्री शुकदेव जी कहते हैं- परीक्षित् ! मनु, ...
भविष्य मालिका क्या है? यह किसने लिखी तथा क्यों लिखी गयी?
जब जब भगवान खुद की इच्छा से धर्म संस्थापना के लिए धरा अवतरण करते हैं, तब तब उनके आने स...
भविष्य मालिका अति गुप्त ग्रंथ क्यों है?
जब देवताओं से दैत्य राजा बलि ने स्वर्ग छीन लिया था उस समय अपने पति कश्यप जी के कहने से माता अदिति ने...
क्या भविष्य मालिका का उद्देश्य लोगों के मन में भय पैदा करना है?
नहीं महापुरुष अच्युतानंद दास जी लिखते हैं भविष्य मलिका केवल भक्तों के उद्धार के लिए लिखी गई है।अर...
जब भविष्य पुराण था तो भविष्य मालिका की आवश्यकता क्यों पड़ी?
समय-समय पर भगवान के निर्देश से विभिन्न धर्म ग्रंथो की रचना मानव सभ्यता के कल्याण के लिए की जाती है। ...
भगवान कल्कि आ गए हैं तो गुप्त में क्यों है?
जब भी भगवान मनुष्य शरीर धारण कर धर्म संस्थापना के लिए धरा धाम पर आते हैं, तब इस बात का पता केवल कुछ ...
कलियुग अंत के संकेत के विषय में जगन्नाथ संस्कृति एवं भविष्य मलिक में क्या वर्णन है? तथा जगन्नाथ मंदिर पुरी से युग अंत के क्या संकेत दिखाई देते हैं?
महात्मा पंचसखाओं ने भविष्य मालिका की रचना भगवान निराकार के निर्देश से की थी। भविष्य मालिका म...
कलियुग की अवस्था के बारे में श्रीमद् भागवत महापुराण में क्या जानकारी दी गई है?
कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है या बाल्यावस्था में है और कलयुग की आयु 432 000 ऐसा पंडितों, कथाकारो और ...
श्रीमद् भागवत महापुराण के अनुसार कलियुग का अंत तथा सत्ययुग की शुरुआत कब होगी?
जिस समय चंद्रमा सूर्य और बृहस्पति एक ही समय, एक ही साथ पुष्य नक्षत्र के प्रथम पल में प्रवेश करके एक ...
वायु पुराण में चारों युगों की आयु कितनी बताई गई है?
जिस प्रकार भगवान ने वेदों को चतुष्पाद बनाया है उसी प्रकार ब्रह्माजी ने भी प्रत्येक युग को चार पादों ...
सूर्य सिद्धांत, महाभारत तथा मनुस्मृति में दिव्य वर्ष, सौर वर्ष अथवा मनुष्य वर्ष के विषय में क्या लिखा है?
इस श्लोक के अनुसार स्पष्ट रूप से सिद्ध होता है कि सूर्य सिद्धांत में सौर वर्ष को ही दिव्य वर्ष माना ...
कलियुग अंत के विषय में गर्ग संहिता में क्या लिखा है?
अर्थात कलियुग के 4000 वर्ष भोग होने के बाद, इसके संध्या समय के 400 वर्ष बाद, भगवान महाविष्णु (श्री...
ब्रह्म वैवर्त पुराण में कलयुग अंत के विषय में क्या कहा गया है?
माँ लक्ष्मी, सरस्वती और गंगा को आपस में शाप के कारण पृथ्वी पे अवतीर्ण होना...
युग गणना के विषय में अथर्ववेद में क्या कहा गया है?
है बालक मैं तेरी अवस्था के 100 वर्ष को हजार वर्ष हजार वर्षों को दो युग दो युगों को तीन युग और तीन यु...
कलियुग के अंत के लक्षणों के विषय में विभिन्न सनातन धर्मग्रंथों में क्या वर्णन किया गया है ?
- महाभारत वन पर्व (188. 29-64) (190. 1-88) - श्रीमद् भागवत महापुराण (12.2...
क्या भविष्य पहले से ही निर्धारित होता है? क्या रामायण महाभारत पहले से ही लिखा होता है?
यहां पर शुकदेव महामुनी महाराजा परीक्षित को आने वाले सात मन्वंतरों के मनु, सप्तर्षी, देवता तथा इंद्र ...
क्या सभी जीवों का भविष्य पहले से लिख दिया जाता है?
देवता, असुर, मनुष्य अथवा और कोई भी प्राणी अपने, पराये अथवा दोनों के लिये जो प्रारब्ध का विधान है, उस...
दारूण (घोर) कलियुग क्या है?
पद्मपुराण उत्तरखंड और श्रीमद् भगवद् महात्म्य भक्ति नारद संवाद पहला अध्याय जब भगवान श्री कृष्ण जी ने ...
सनातन धर्म क्या है? सनातन धर्म कितना पुराना है? सनातन धर्म किसने बनाया?
भगवान स्पष्ट रूप से कहते हैं यह सनातन धर्म मेरा ही रूप है। ...
वेद क्या हैं और इनकी रचना क्यों हुई?
वेद सनातन संस्कृति के परम शास्वत ग्रंथ हैं। जो सं...
पुराण क्या हैं और इनकी रचना क्यों हुई?
श्रृष्टि की उत्पति से अब तक भगवान के अनेकों अवतार हो चुके हैं। ...
भागवत महापुराण, महापुराण क्यों है? तथा इसकी रचना क्यों की गयी?
वेदों का विभाग, महाभारत महाकाव्य ग्रंथ की रचना और अष्टादश पुराण की रचना करने के बाद भी जब महर्षि वेद...
श्रीमद् भागवत महापुराण पठन करना क्यों आवश्यक है? क्या रामचरितमानस, रामायण, भगवत गीता, शिव पुराण या अन्य धर्म ग्रंथों को पढ़ने से उद्धार नहीं होगा?
वेदों का विभाग, अष्टादस पुराण की रचना करने के बाद भी महर्षि वेदव्यास जी का मन कुछ उदास सा था। ...
वर्ण व्यस्था क्यों बनाई गई? क्या जन्म से ही मनुष्य का वर्ण (जाती) निर्धारित हो जाती है? क्या सनातन धर्म में जातीय भेद भाव का वर्णन है?
श्रृष्टि को सुचारु रूप से संचालन के लिए वर्ण व्यवस्था बनाई गई।श्रीमद् भागवत महापुराण (11.17.10) इस ब...
मुक्ति क्या है मुक्ति के बाद जीव का क्या होता है?
मुक्ति अथवा परम गति का अर्थ है जीव चक्र बंधन से मुक्त होकर एक अमर शरीर को प्राप्त करना। प्रत्येक जीव...
मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ धर्म तथा सर्वश्रेष्ठ कर्म क्या है?
श्रीमद् भागवत महापुराण ( 1.2.5-11) भगवत्कथा और भगवद्भक्तिका माहात्म्य ...
त्रिकाल संध्या /त्रिसंध्या क्या है? तथा त्रिकाल संध्या क्यों करना चाहिए?
सनातन संस्कृति के अनुसार तीन संध्या काल पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति तथा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए...
त्रिकाल संध्या किन-किन मंत्रों से की जाती है?
त्रिकाल संध्या में मुख्यतः भगवान महाविष्णु तथा मां महालक्ष्मी की स्तुति की जाती है। ...
गायत्री मंत्र क्या है तथा इसका त्रिसंध्या में क्या महत्व है?
गायत्री मंत्र :-वेद और सनातन शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र की रचना गायत्री माता के द्वारा संसार ...
विष्णु षोडशनाम स्तोत्र क्या है? तथा इसका भजन क्यों करना चाहिए?
भगवान महाविष्णु जी के धर्म संस्थापना के 16 नाम चतुर्युग के अवतारों के सबसे महत्वपूर्ण 16 अवतारों के ...
दशावतार स्तोत्र क्या है ?
भगवान महाविष्णु जी ने चारों युगों में महत्वपूर्ण 24 अवतार धारण करके धरती माता का उद्धार किया था । ...
दुर्गा माधव स्तुति क्या है?
दुर्गा माधव स्तुति :-परम कृपामयी जगतजननी माँ दुर्गा और परम कृपामय माधव का जय हो। जिन दुर्गा की सेवा ...
त्रिसंध्या में माधव नाम भजन की महत्वता क्या है?
भगवान माधव (कल्कि राम) के 108 नाम भजनइस समय कलियुग को 5128 साल चल रहा है। ...
भगवान का नाम जप करना क्यों आवश्यक है?
भगवान शंकर माता पार्वती को कहते हैं :- सम्पूर्ण ज...
श्री भगवान को कौन जान सकता है तथा प्राप्त कर सकता है?
चक्रपाणि भगवान् की शक्ति और पराक्रम अनन्त है- उनकी कोई थाह नहीं। वे सारे जगत् के निर्माता होने पर ...
श्री भगवान को कौन नहीं जान सकता है?
जैसे अनजान मनुष्य जादूगर अथवा नट के संकल्प और वचनों से की हुई करामात को नहीं समझ पाता, वैसे ही अपने ...
सत्ययुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग का अंत क्यों होता है?
सत्ययुग में मनुष्य अपने तपोबल का दुरुपयोग तथा तपोवल से श्राप देने के कारण सत्ययुग अपनी संपूर्ण आयु क...