भविष्य मालिका भाग-२ पुस्तक 27 मार्च 2025 को आ चुकी है। भाग-1 जनवरी 2023 में आई थी, जो बहुत लोकप्रिय हुई और इसने अनेक लोगों का जीवन बदल दिया। इसके बाद से ही भाग-2 की सबसे अधिक प्रतीक्षा हो रही थी, और अब यह प्रतीक्षा समाप्त हो गई है।
भविष्य मालिका ६०० वर्ष पहले ओड़िया भाषा में पंचसखाओं ने जिन में से एक संत अच्युतानंद दास हैं इन सब द्वारालिखी गई थी। इतने वर्षों के पश्चात, भगवान माधव (विष्णु) की कृपा से यह अब विभिन्न भाषाओं में लिखी जा रही है और लोकप्रिय भी हो रही है ।
पुस्तक का विवरण
पुस्तक में कुल 30 अध्याय हैं, जिनमें कल्कि अवतार, कलियुग, आगामी आपदाएँ, कल्कि का जन्मस्थान, तृतीय विश्व युद्ध, महामारी और विभिन्न प्रकार के विनाश जैसे विषयों को शामिल किया गया है। पुस्तक मुख्यतः कल्कि अवतार पर आधारित है। इसकी घोषणा आधिकारिक रूप से 'भविष्य मालिका ऑफिशियल' वेबसाइट द्वारा की गई है।
कुछ विवरण नीचे दिए गए हैं:
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शीर्षक - भविष्य मालिका पुराण भाग-2
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लेखक - पंडित श्री काशीनाथ मिश्रा
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प्रकाशन तिथि - 27 मार्च 2025
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मूल्य - रु. 282
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प्रकाशक – Notion Press
वर्तमान में यह पुस्तक हिन्दी में उपलब्ध है, और जल्द ही भारत और विश्व भर की कई अन्य भाषाओं में भी जारी की जाएगी। अंग्रेज़ी में भविष्य मालिका भाग-2, 27 अप्रैल 2025 से 17 मई 2025 के उपलब्ध होगी।
लेखक परिचय
पंडित श्री काशीनाथ मिश्रा का जन्म एवं पालन-पोषण ओडिशा के जाजपुर में हुआ। उन्होंने प्राचीन भविष्य मालिका के अध्ययन और शोध में चालीस वर्षों से भी अधिक समय बिताया है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन इसके ज्ञान को फैलाने और भगवान जगन्नाथ की कृपा से सभी को अनंत युग और मोक्ष के मार्ग पर ले जाने के लिए समर्पित किया है।
भाग-2 कैसे प्राप्त करें
आप अपना नाम और पता हमारे व्हाट्सएप नंबर पर भेजकर सीधे पुस्तक ऑर्डर कर सकते हैं। डिलीवरी 7 से 17 दिनों के भीतर होने की उम्मीद है, और हम आपको सभी अपडेट व्हाट्सएप पर देते रहेंगे। जल्द ही यह पुस्तक Amazon, Flipkart जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध होगी।
भविष्य मालिका भाग-2 के अध्याय
कुल 30 अध्यायों में से 10 अध्याय नीचे दिए गए हैं:
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कलियुग का अंत, कल्कि अवतार, धर्म संस्थापना और भक्तों का उद्धार, “भविष्य मालिका” शास्त्र क्यों?
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विभिन्न सनातन शास्त्रों में कलियुग अंत के प्रमाण
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कल्कि भगवान कहाँ जन्म लेंगे
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भगवान कल्कि की बाल्य लीला
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भगवान कल्कि गुप्त में क्यों हैं
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भगवान कल्कि का भुवनेश्वर में सामाजिक रहन-सहन
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तृतीय विश्व युद्ध
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पंचभूत प्रलय
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विकसित यंत्र युग का अंत
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वैश्विक आर्थिक मंदी
भविष्य मालिका भाग-2 में वर्णित कुछ प्रमुख भविष्यवाणियाँ:
यह पुस्तक मुख्य रूप से कल्कि अवतार और धर्म की पुनः स्थापना पर केंद्रित है।
इसमें बताया गया है कि आने वाले समय में कौन-कौन सी घटनाएँ परिवर्तन का माध्यम बनेंगी।
कलियुग का अंत
कलियुग समाप्त हो चुका है,संधिकाल भी समाप्त होने को है और वर्तमान समय सतयुग की ओर अग्रसर है। कई भविष्यवाणियाँ जो ६०० वर्ष पहले लिखी गई थीं, अब सत्य हो चुकी हैं — जैसे जगन्नाथ मंदिर के संकेत, पुरी के अंतिम राजा, भारत के प्रधानमंत्री आदि कलियुग के अंत की भविष्यवाणियों के बारे में और जानें।
तृतीय विश्व युद्ध
विश्व की वर्तमान स्थिति दर्शाती है कि हम तृतीय विश्व युद्ध के कगार पर हैं, जो अत्यंत विनाशकारी हो सकता है। भविष्य मालिका में पहले ही यह भविष्यवाणी की गई थी कि यह युद्ध कलियुग का अंतिम युद्ध होगा, जिसमें परमाणु हथियारों का प्रयोग होगा। यह युद्ध तब आरंभ होगा जब पाकिस्तान, चीन और 13 इस्लामी देश भारत के साथ युद्ध करेंगे। तृतीय विश्व युद्ध की भविष्यवाणियों के बारे में और पढ़ें।
प्राकृतिक आपदाएँ
दुनियाभर में कई प्राकृतिक आपदाएँ घटित हो रही हैं, जैसे भूकंप, जंगलों में आग, चक्रवात आदि — और ये सभी मानवीय कर्मों के कारण हो रही हैं। भविष्य मालिका के अनुसार, अनेक प्राकृतिक आपदाएँ मानव के पापों के कारण होंगी, जो भारी विनाश का कारण बनेंगी। भविष्य की घटनाओं में इंटरनेट ब्लैकआउट, 16+ तीव्रता वाले भूकंप, भीषण बाढ़ आदि शामिल हैं। आप इन सभी विषयों को Articles में पढ़ सकते हैं।
उद्धार का मार्ग
मनुष्यों को धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए, सभी पापपूर्ण कर्मों से बचना चाहिए और पूर्ण रूप से शाकाहारी बनना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को त्रिसंध्या मार्ग का पालन करना चाहिए, ‘माधव’ नाम का जप करना चाहिए और श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ करना चाहिए। यह संधिकाल में सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रमुख संदेश है।
निष्कर्ष
भविष्य मालिका भाग-2 मानवता के लिए अमूल्य ज्ञान प्रदान करती है। इसमें सभी शास्त्रों का सार समाहित है, जो संपूर्ण मानव जाति के उद्धार हेतु लिखा गया है। यह सदियों पहले पंचसखाओं द्वारा भगवान जगन्नाथ की इच्छा से लिखा गया था।
लंबे समय के पश्चात यह ग्रंथ अब सर्वत्र लोकप्रिय हो रहा है और इसमें यह भी लिखा गया था कि कलियुग के अंत में जब संपूर्ण समाज अधर्म के प्रभाव में होगा, तब भविष्य मालिका के वचनों का प्रचार होगा ताकि भक्तों को मार्गदर्शन मिल सके तथा उनका उद्धार हो ।