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Bhavishya Malika

भविष्य मालिका में 13 दिन के पक्ष के बारे में क्या लिखा है?

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11 Nov 2024

13 दिन के पक्ष को शास्त्र और भविष्य मालिका के अनुसार इसे बहुत अशुभ माना गया है। इस पक्ष को 'विश्व शास्त्र पक्ष' भी कहते हैं। जब-जब 13 दिन का पक्ष होता है, तब-तब मानव समाज को कई तरह के आपदाओं का सामना करना पड़ता है। 13 दिन का पक्ष कब आता है ? इस विषय में हिंदू पंचांग के अनुसार यह है कि एक पक्ष 15 दिन का होता है और 2 पक्ष से 1 मास का होता है। लेकिन वहीं एक पक्ष के तिथियों का क्षय होने के कारण एक पक्ष 15 दिनों की बजाय 13 दिन का हो जाता है। 

 सनातन धर्म के शास्त्र मेघ महोदय ग्रंथ में 13 दिन के पक्ष के बारे में भी वर्णन है:

अनेक युग सहस्त्रयां दैवयोत्प्रजायते। 

 त्रयोदश दिने पक्ष स्तदा संहरते जगत।।

- मेघ महोदय ग्रंथ

अर्थ: अनेक युगों में बहुत समय बाद एक दैव योग पड़ता है और उस समय जगत में संहार होता है और कई आपदाओं से मनुष्य समाज को सामना करना पड़ता है जो कि पंचमहाभूत, रोग – बीमारी, युद्ध, आदि के माध्यम में होता है।

13 दिन के पक्ष के वर्णन अच्युतानंद दास जी के द्वारा भविष्य मालिका में किया हुआ है। इस साल 2024 में भी 13 दिन का दुर्योग पक्ष 23 जून से लेकर 5 जुलाई तक हो चुका है और भविष्य मालिका के अनुसार मीन शनि योग से पहले 2024 में पड़ने वाले 13 का पक्ष भविष्य में आने वाली विनाशकारी घटनाओं की नींव रखी जाएगी।

मेषो को वृष संगते मिसाइबू मिथुन मासो रे प्रकाशेणो। 

भद्र मास रे तेर दिन पक्षे काल धरणी ग्रासिब।।

- भविष्य मालिका (अच्युतानंद दास)
अर्थ: अच्युतानंद दास जी  के द्वारा लिखा है कि जब भाद्र महीने में 13 दिन का पक्ष पड़ेगा धरती पर काल ग्रास करेगा धरती पर विनाश बढ़ेगा रोग महामारी बढ़ेगा सांप्रदायिकता बढ़ेगा युद्ध महामारी बढ़ेगा खाने का अभाव बढ़ेगा और जब जब 13 दिन का पक्ष पड़ता है तो धरती पर मुंड माला बहता है यानी बहुत संख्या में लोगों की मृत्यु होती है।

तेरह दिनिया पक्ष होइबे बाबू।

 घोर कली लागी जाई थीबु।।

- भविष्य मालिका (अच्युतानंद दास)
अर्थ: मालिका के अनुसार जब 13 दिन का पक्ष आता है तब घोर कली लग जाता है और चारों तरफ अशुभ संकेत और प्राकृतिक आपदाएं भी देखने को मिलती हैं।

तेरह दिना पक्ष होइब जेबे।

 कलंकी रे चिंता लागीब तेबे।।

- भविष्य मालिका (अच्युतानंद दास)

अर्थ: यानी जब-जब 13 दिन का पक्ष होगा तब भगवान कल्कि को अपने भक्तों की चिंता होगी और धर्म संस्थापना का कार्य और तेजी से बढ़ेगा और म्लेच्छो का विनाश भी होगा।



इस 13 दिन के पक्ष में कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं, जैसे भूकंप, कई तरह की बीमारियां और महामारी, विश्व युद्ध, प्रजा को नुकसान, देश की आर्थिक स्थिति का बिगड़ना आदि कई तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ेगा जो कि 2025 मीन शनि योग के बाद ये आपदाएं विकराल रूप धारण कर लेंगी। 


 तो इसलिए मालिका सभी मनुष्य को धर्म में आने के लिए कहती हैं और पूज्य पंडित काशीनाथ मिश्र जी के द्वारा बताई गई त्रिसंध्या धारा, भागवत महापुराण का पठन और माधव नाम जप हर दिन पालन करना चाहिए ताकि भगवान महाविष्णु की कृपा बनी रहे और आने वाले आपदाओं से मनुष्यों का बचाव हो सके।


नोट: सम्पूर्ण त्रिसंध्या याद करने के पश्चात् दिए गए नम्बरों पर अवश्य संपर्क करें। इसके बाद आपको दैनिक सत्संग ग्रुप से जोड़ दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें


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